तिहाड़ जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मामला तिहाड़ के सीपीआरओ गेट नंबर-3 का है। 10-12 दिन पहले आरोपी एएस ने यहां से रिहा हो रहे एक कैदी के दो-तीन परिजनों को जेल के अंदर एंट्री करा दी। इसके बाद इन लोगों को इसने उस जगह बैठाया जहां तक जाने की इन्हें इजाजत ही नहीं थी।
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